आजकल हालात कुछ यूँ हो गये हैं कि लगता है जल्द ही मुल्क में दोबारा एमर्जेन्सी लगने वाली है . कांग्रेसी नेताओं के हाव - भाव में एक अलग ही आक्रामकता नज़र आ रही है . शायद गुज़रे महीने जो इनकी मैडम ने इनको विपक्ष के हमलों पर आक्रामक रुख़ अख्तियार करने का हुक्म सुनाया था उसे बड़ी वफ़ादारी से निभा रहें हैं
पढ़ें :-
http://www.jagran.com/news/national-sonia-instruction-for-attacking-attitiude-9592411.html
http://khabar.ndtv.com/news/show/coal-report-bjp-insists-on-pm-s-resignation-sonia-asks-her-mps-to-be-aggressive-25534
कुछ दिनों पहले जो कांग्रेसी विपक्ष और इंडिया अगेन्स्ट करप्शन का सामना करने से कतराते थे अब तेवर दिखाने लग गये हैं. यह आक्रामकता संसद में विपक्ष के सामने दिखाते तो फिर भी ठीक था लेकिन यह एग्रेशन आम जनता के खिलाफ खुल्लम खुल्ला दिन दहाड़े बीच बाजार दिखा रहे हैं
दो दिन पहले गुजरात के वडोदरा में टोल प्लाज़ा पर जब पोरबंदर के कांग्रेसी सांसद की गाड़ी रोकी गयी तो भड़क कर उसने बंदूक टोल कर्मियों पर तान दी और उन्हें जान से मार डालने की धमकी दी मज़े की बात यह है कि उक्त सांसाद का संसदीय क्षेत्र पोरबंदर है जो अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मस्थली है , इन्हीं गाँधी के नाम पर आज़ादी से ले कर अब तक साल दर साल कांग्रेस वोटों की फसल काट रही है
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http://navbharattimes.indiatimes.com/asked-to-pay-toll-cong-mp-pulled-out-gun/articleshow/16782276.cms
उधर , उत्तरप्रदेश में एक विधायक ने महिला आईएएस से बदतमीज़ी की
पढ़ें
http://www.bhaskar.com/article/UP-OTH-mla-upset-a-woman-ias-3915113-NOR.html?seq=3&HT3=
और , पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल के एक नेता ने कालेज छात्रा के साथ दुष्कर्म किया
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http://navbharattimes.indiatimes.com/-bengal-college-girl-drugged-and-gangraped/articleshow/16785941.cms
इधर सरकारी जाँच एजेंसियाँ भी हरकत में आ गयीं है खबर है की उत्तराखंड सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव के गुरु की गुमशुदगी की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है
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http://navbharattimes.indiatimes.com/ramdevs-missing-guru-case-to-cbi/articleshow/16785264.cms
सनद रहे पिछले साल रामलीला मैदान में हुए हंगामे के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रामदेव पर यह आरोप लगाया था कि उन्होने अपने गुरु को गायब करवाया है.
उधर कांग्रेसी नेता आरोपों से इतने विचलित हो गये हैं की उन्होने टीवी चॅनेल्स पर केस कर दिया है
पढ़ें
http://navbharattimes.indiatimes.com/louise-khurshid-files-defamation-case/articleshow/16787242.cms
http://zeenews.india.com/news/nation/%E2%80%A2-unfairly-targeted-for-pursuing-truth-in-coalgate-scam-by-industrialist-turned-politician-naveen-ji_805291.html
उधर हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री को यह साक्षात्कार हुआ है कि सूचना के अधिकार के क़ानून का आम जनता ग़लत इस्तेमाल सरकार के खिलाफ और गोपनीय जानकारियों को जुटाने के इरादे से करती है . मज़े की बात यह है कि पिछले दिनों जब कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी की विदेश यात्रा और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के बारे केंद्र सरकार से विवरण इस सूचना के अधिकार की बदौलत माँगे जाने का मुद्दा मीडिया में उछला तो साहब झल्ला उठे,
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http://khabar.ndtv.com/news/show/rti-should-be-circumscribed-if-it-encroaches-on-privacy-pm-27465
उनका झल्लाना बेतुका है क्योंकि हालात ऐसे हैं कि सूचना के अधिकार वाले क़ानून को वजूद में आए भले ही सात साल से लंबा वक्त बीत गया हो , आम जनता अभी भी इसके बारे में अधिक नहीं जानती . जहाँ सरकार अपनी अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों से संबंधित कथित कल्याणकारी नीतियों का प्रचार मीडिया में जोरों शोरो से करती है , वहीं सूचना के अधिकार के बारे में नही करती , दिलचस्प बात यह है कि यह क़ानून कांग्रेसी शासन के दौरान ही वजूद में आया है. और आरटीआई के द्वारा क्या कार्यकर्ता और क्या विपक्षी दल सभी सरकार के बखिए उधेड़ने पर आमादा हैं.
प्रधानमंत्री भले ही बेतुके तर्क दें कि आरटीआई के इस्तेमाल से व्यक्तिगत निजता का हनन और गोपनीय बातों को जानने के लिए किया जाता हो किंतु वह भी इस बात को मानेंगे कि इसी क़ानून की बदौलत कई भ्रष्टाचार और घोटाले उजागर हुए हैं वैसे भी सार्वजनिक जीवन जीने वाले नेताओं की कोई निजता नहीं होती , वह हर वक्त जनता के प्रति जवाबदेह होते है , इसलिए प्रधानमंत्री का तर्क वाहियात है.
इन सारी घटनाओं का सिलसिला गत माह से शुरू हुआ है और यह इत्तेफ़ाक नहीं है , बल्कि कांग्रेस की सोची समझी स्ट्रेटेजी है.
मीडिया द्वारा आए दिन उजागर होते भ्रष्टाचार के मामलों से तंग आ कर जनता का ध्यान बंटाने के लिए एकाएक कांग्रेस 'रिटेल में एफडीआई ले आई , डीजल महँगा करा दिया और साल में छ: सिलेंडर का कोटा तय किया और फिर एक एक कर अपने विरोधियों को निबटाने लगी.
लेकिन कांग्रेस के नेता अपनी ही ग़लत बयानबाज़ी के चलते लानत मलामत का शिकार बन रहे हैं
अभी कल परसों की ही खबर है कांग्रेस के युवराज एक कार्यक्रम में भाषण देने पंजाब तशरीफ़ लाए , जनाब ने अपने भाषण में यह ज्ञान देश की जाहिल जनता के सामने परोसा कि पंजाब के हर दस में से सात नौजवान नशेड़ी हैं
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/10/121012_rahul_punjab_js.shtml
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-punjab-congress-rahul-ghandi-drugist-39-39-270805.html
जनाब ने यह बताने की जहमत नहीं उठाई कि यह बात वे किस हवाले से कह रहे हैं खास बात यह है कि इनके वालिद साहब के जमाने में उनके चेले चपाटों ने इन्हीं नौजवानों के साथ बड़ी ज़्यादती की थी आज साहबज़ादे उनको नशेड़ी बता कर उनकी इज़्ज़त अफज़ाई कर रहे हैं.
पिछले दिनों हरियाणा में एक बलात्कार पीडिता द्वारा की गयी आत्महत्या का मामला उठा , कांग्रेस अध्यक्षा पीड़ित परिवार को हिम्मत बंधाने गयीं लेकिन वहाँ की क़ानून व्यवस्था का आलम यह है कि उनके वहाँ तशरीफ़ लाने की देर थी और उनका स्वागत दो अन्य बलात्कारों की खबर से हुआ .
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http://hindi.in.com/latest-news/news/Haryana-Two-Rapes-Reported-After-Sonia-Visit-1510752.html
हरियाणा में महिलाओं के प्रति अत्याचार में वृद्धि पर एक नेता ने यह कहा कि नब्बे प्रतिशत मामलों में लड़कियों की सहमति होती है. जनाब ने अपने युवराज की भाँति आंकडें तो दिए लेकिन उसका स्रोत नहीं बताया . जब मामले ने तूल पकड़ा तो साहब हाथ झटकते नज़र आए . बोले कि मैने तो गपशप के बीच बलात्कार की बातें की थी और सच - झूठ का पता वह नहीं जानते
पढ़ें
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/10/121012_haryana_rape_leader_sm.shtml
उधर कांग्रेस अध्यक्षा अपने नेता के इस गैर ज़िम्मेदाराना बयान की निंदा करने की बजाए यह कहती हुई पाईं गयीं कि बलात्कार की घटनाएँ तो पूरे देश में होतीं हैं
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http://navbharattimes.indiatimes.com/sonia-gandhi-meet-the-rape-victims-in-haryana/articleshow/16735279.cms
वाकई , अपनी सरकार का इस बेशर्मी की हद तक बचाव करने का रिकार्ड शायद कांग्रेस से बेहतर अन्य किसी पार्टी का न होगा.इसी कांग्रेस की विरोधी पार्टी बीजेपी के नेता वाजपेयी जी ने गुजरात हिंसा के चलते मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'राजधर्म' निभाने की नसीहत दी थी उधर कांग्रेस का आलाकमान हरियाणा सरकार का बचाव कर रहा है.
हालत इस हद तक बिगड़ चुके हैं और जनता प्रशासन और सत्ताधारी नेताओं से इस कदर मायूस हो गयी है क़ि कांग्रेस शासित प्रदेशों में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था से त्रस्त आम जनता अब खुद क़ानून हाथ में ले रही है. दो दिन पहले नागपुर में हज़ारों की उग्र भीड़ ने एक अपराधी शख्स को दौड़ा - दौड़ा कर मार डाला और पुलिस प्रशासन भीड़ का मुँह ताकता रह गया
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http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=121010-155720-100000
सोचने वाली बात है कि जो हश्र नागपुर के गुण्डों का हुआ क्या हमारे देश के नेता इससे कोई सबक लेंगे ? या फिर अपनी ही मनमानी करते रहेंगे . डर इस बात का है यदि जल्द ही प्रशासनिक दमन और बढ़ती महँगाई , जनविरोधी नीतियों के बारे में कुछ न किया गया तो अराजकता का माहौल फैल सकता है क्योंकि जनता का सरकार पर से भरोसा कभी का उठ चुका है.
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http://www.jagran.com/news/national-sonia-instruction-for-attacking-attitiude-9592411.html
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कुछ दिनों पहले जो कांग्रेसी विपक्ष और इंडिया अगेन्स्ट करप्शन का सामना करने से कतराते थे अब तेवर दिखाने लग गये हैं. यह आक्रामकता संसद में विपक्ष के सामने दिखाते तो फिर भी ठीक था लेकिन यह एग्रेशन आम जनता के खिलाफ खुल्लम खुल्ला दिन दहाड़े बीच बाजार दिखा रहे हैं
दो दिन पहले गुजरात के वडोदरा में टोल प्लाज़ा पर जब पोरबंदर के कांग्रेसी सांसद की गाड़ी रोकी गयी तो भड़क कर उसने बंदूक टोल कर्मियों पर तान दी और उन्हें जान से मार डालने की धमकी दी मज़े की बात यह है कि उक्त सांसाद का संसदीय क्षेत्र पोरबंदर है जो अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मस्थली है , इन्हीं गाँधी के नाम पर आज़ादी से ले कर अब तक साल दर साल कांग्रेस वोटों की फसल काट रही है
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उधर , उत्तरप्रदेश में एक विधायक ने महिला आईएएस से बदतमीज़ी की
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और , पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल के एक नेता ने कालेज छात्रा के साथ दुष्कर्म किया
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इधर सरकारी जाँच एजेंसियाँ भी हरकत में आ गयीं है खबर है की उत्तराखंड सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव के गुरु की गुमशुदगी की जाँच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है
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http://navbharattimes.indiatimes.com/ramdevs-missing-guru-case-to-cbi/articleshow/16785264.cms
सनद रहे पिछले साल रामलीला मैदान में हुए हंगामे के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रामदेव पर यह आरोप लगाया था कि उन्होने अपने गुरु को गायब करवाया है.
उधर कांग्रेसी नेता आरोपों से इतने विचलित हो गये हैं की उन्होने टीवी चॅनेल्स पर केस कर दिया है
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http://navbharattimes.indiatimes.com/louise-khurshid-files-defamation-case/articleshow/16787242.cms
http://zeenews.india.com/news/nation/%E2%80%A2-unfairly-targeted-for-pursuing-truth-in-coalgate-scam-by-industrialist-turned-politician-naveen-ji_805291.html
उधर हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री को यह साक्षात्कार हुआ है कि सूचना के अधिकार के क़ानून का आम जनता ग़लत इस्तेमाल सरकार के खिलाफ और गोपनीय जानकारियों को जुटाने के इरादे से करती है . मज़े की बात यह है कि पिछले दिनों जब कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी की विदेश यात्रा और स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के बारे केंद्र सरकार से विवरण इस सूचना के अधिकार की बदौलत माँगे जाने का मुद्दा मीडिया में उछला तो साहब झल्ला उठे,
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http://khabar.ndtv.com/news/show/rti-should-be-circumscribed-if-it-encroaches-on-privacy-pm-27465
उनका झल्लाना बेतुका है क्योंकि हालात ऐसे हैं कि सूचना के अधिकार वाले क़ानून को वजूद में आए भले ही सात साल से लंबा वक्त बीत गया हो , आम जनता अभी भी इसके बारे में अधिक नहीं जानती . जहाँ सरकार अपनी अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों से संबंधित कथित कल्याणकारी नीतियों का प्रचार मीडिया में जोरों शोरो से करती है , वहीं सूचना के अधिकार के बारे में नही करती , दिलचस्प बात यह है कि यह क़ानून कांग्रेसी शासन के दौरान ही वजूद में आया है. और आरटीआई के द्वारा क्या कार्यकर्ता और क्या विपक्षी दल सभी सरकार के बखिए उधेड़ने पर आमादा हैं.
प्रधानमंत्री भले ही बेतुके तर्क दें कि आरटीआई के इस्तेमाल से व्यक्तिगत निजता का हनन और गोपनीय बातों को जानने के लिए किया जाता हो किंतु वह भी इस बात को मानेंगे कि इसी क़ानून की बदौलत कई भ्रष्टाचार और घोटाले उजागर हुए हैं वैसे भी सार्वजनिक जीवन जीने वाले नेताओं की कोई निजता नहीं होती , वह हर वक्त जनता के प्रति जवाबदेह होते है , इसलिए प्रधानमंत्री का तर्क वाहियात है.
इन सारी घटनाओं का सिलसिला गत माह से शुरू हुआ है और यह इत्तेफ़ाक नहीं है , बल्कि कांग्रेस की सोची समझी स्ट्रेटेजी है.
मीडिया द्वारा आए दिन उजागर होते भ्रष्टाचार के मामलों से तंग आ कर जनता का ध्यान बंटाने के लिए एकाएक कांग्रेस 'रिटेल में एफडीआई ले आई , डीजल महँगा करा दिया और साल में छ: सिलेंडर का कोटा तय किया और फिर एक एक कर अपने विरोधियों को निबटाने लगी.
लेकिन कांग्रेस के नेता अपनी ही ग़लत बयानबाज़ी के चलते लानत मलामत का शिकार बन रहे हैं
अभी कल परसों की ही खबर है कांग्रेस के युवराज एक कार्यक्रम में भाषण देने पंजाब तशरीफ़ लाए , जनाब ने अपने भाषण में यह ज्ञान देश की जाहिल जनता के सामने परोसा कि पंजाब के हर दस में से सात नौजवान नशेड़ी हैं
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/10/121012_rahul_punjab_js.shtml
http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-punjab-congress-rahul-ghandi-drugist-39-39-270805.html
जनाब ने यह बताने की जहमत नहीं उठाई कि यह बात वे किस हवाले से कह रहे हैं खास बात यह है कि इनके वालिद साहब के जमाने में उनके चेले चपाटों ने इन्हीं नौजवानों के साथ बड़ी ज़्यादती की थी आज साहबज़ादे उनको नशेड़ी बता कर उनकी इज़्ज़त अफज़ाई कर रहे हैं.
पिछले दिनों हरियाणा में एक बलात्कार पीडिता द्वारा की गयी आत्महत्या का मामला उठा , कांग्रेस अध्यक्षा पीड़ित परिवार को हिम्मत बंधाने गयीं लेकिन वहाँ की क़ानून व्यवस्था का आलम यह है कि उनके वहाँ तशरीफ़ लाने की देर थी और उनका स्वागत दो अन्य बलात्कारों की खबर से हुआ .
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http://hindi.in.com/latest-news/news/Haryana-Two-Rapes-Reported-After-Sonia-Visit-1510752.html
हरियाणा में महिलाओं के प्रति अत्याचार में वृद्धि पर एक नेता ने यह कहा कि नब्बे प्रतिशत मामलों में लड़कियों की सहमति होती है. जनाब ने अपने युवराज की भाँति आंकडें तो दिए लेकिन उसका स्रोत नहीं बताया . जब मामले ने तूल पकड़ा तो साहब हाथ झटकते नज़र आए . बोले कि मैने तो गपशप के बीच बलात्कार की बातें की थी और सच - झूठ का पता वह नहीं जानते
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/10/121012_haryana_rape_leader_sm.shtml
उधर कांग्रेस अध्यक्षा अपने नेता के इस गैर ज़िम्मेदाराना बयान की निंदा करने की बजाए यह कहती हुई पाईं गयीं कि बलात्कार की घटनाएँ तो पूरे देश में होतीं हैं
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वाकई , अपनी सरकार का इस बेशर्मी की हद तक बचाव करने का रिकार्ड शायद कांग्रेस से बेहतर अन्य किसी पार्टी का न होगा.इसी कांग्रेस की विरोधी पार्टी बीजेपी के नेता वाजपेयी जी ने गुजरात हिंसा के चलते मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'राजधर्म' निभाने की नसीहत दी थी उधर कांग्रेस का आलाकमान हरियाणा सरकार का बचाव कर रहा है.
हालत इस हद तक बिगड़ चुके हैं और जनता प्रशासन और सत्ताधारी नेताओं से इस कदर मायूस हो गयी है क़ि कांग्रेस शासित प्रदेशों में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था से त्रस्त आम जनता अब खुद क़ानून हाथ में ले रही है. दो दिन पहले नागपुर में हज़ारों की उग्र भीड़ ने एक अपराधी शख्स को दौड़ा - दौड़ा कर मार डाला और पुलिस प्रशासन भीड़ का मुँह ताकता रह गया
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http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=121010-155720-100000
सोचने वाली बात है कि जो हश्र नागपुर के गुण्डों का हुआ क्या हमारे देश के नेता इससे कोई सबक लेंगे ? या फिर अपनी ही मनमानी करते रहेंगे . डर इस बात का है यदि जल्द ही प्रशासनिक दमन और बढ़ती महँगाई , जनविरोधी नीतियों के बारे में कुछ न किया गया तो अराजकता का माहौल फैल सकता है क्योंकि जनता का सरकार पर से भरोसा कभी का उठ चुका है.
बहुत बढ़िया तरह से उजागर की है इन चोट्टे और भ्रष्ट काग-रसियों की चोट्टाई को चिन्मय जी
जवाब देंहटाएंये भारत की जनता पता नहीं कितना अफीम खा कर सोई हुई है की कुछ फर्क ही नहीं पड़ता :(
Thanks for publishing this amazing article. I really big fan of this post thanks a lot. Recently i have learned about News in Hindi CG which gives a lot of information to us.
जवाब देंहटाएंVisit them and thanks again and also keep it up...